राज्य स्तरीय सहायक अध्यापक भर्ती मे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने पहुँचा दूसरा युवक , STF ने गेट के बाहर से किया गिरफ्तार, 16 लाख में हुआ था साैदा
एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा देने आए एक मुन्ना भाई और गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। परीक्षा शुरू होने से पहले ही दोनों को हरिद्वार स्थित परीक्षा केंद्र के बाहर से पकड़ा है। गिरोह का मास्टरमाइंड अपने एक साथी को असली अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दिलाने लाया था।
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इसके लिए अभ्यर्थी के रिश्तेदार से 16 लाख रुपये में सौदा हुआ था। एसटीएफ ने मुन्ना भाई के कब्जे से फर्जी प्रवेश पत्र भी बरामद किया है। गिरोह का मास्टरमाइंड 12वीं पास है और उसने अभ्यर्थी को परीक्षा पास कराने से लेकर नौकरी दिलाने तक का झांसा दिया था। एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया, 18 अगस्त को हुई उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की सहायक अध्यापक की परीक्षा में एक अभ्यर्थी की जगह मुन्ना भाई के परीक्षा में बैठने की सूचना मिली थी।
इसपर एसटीएफ की टीम ने हरिद्वार में डेरा डाल लिया। रविवार को एसटीएफ ने हरिद्वार के मायापुर स्थित परीक्षा केंद्र एसवीएम इंटर कॉलेज के बाहर से गिरोह के मास्टरमाइंड उधम सिंह निवासी ग्राम चकबंदी थाना सरघना मेरठ और उसके साथी मुन्ना भाई अनुपम निवासी मोहल्ला रामकृष्णा नगर, थाना रामकृष्णानगर पटना बिहार को परीक्षा शुरू होने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया।एसएसपी ने बताया कि आरोपी अनुपम किसी कुलदीप नाम के छात्र की जगह परीक्षा देने आया था। पूछताछ में आरोपी उधम सिंह ने बताया, उसने परीक्षा में पेपर हल कराने के लिए अनुपम को बिहार से बुलाया था। भर्ती परीक्षा के लिए कुलदीप नाम के परीक्षार्थी के संबंध में उसके रिश्तेदार सचिन से बात हुई थी।
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जिसने परीक्षा केंद्र सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज हरिद्वार में कुलदीप के बजाय अन्य किसी से परीक्षा दिलवाकर पास करने को कहा था। इसके बाद उसने कुलदीप का प्रवेश पत्र एवं आधार कार्ड लेकर उसकी जगह बिहार के अनुपम से परीक्षा दिलाने की योजना बनाई। परीक्षा के लिए इन्होंने प्रवेश पत्र पर कुलदीप की जगह अनुपम का फोटो प्रिंट कर प्रवेश पत्र तैयार किया।आरोपी उधम सिंह ने असली परीक्षार्थी कुलदीप की जगह परीक्षा दिलाने के लिए उसके रिश्तेदार सचिन से बात की थी। सचिन को इसके लिए परीक्षा के दिन 4 लाख रुपये देने थे। इसके बाद चयन होने पर 12 लाख रुपये देने थे। परीक्षा में पेपर क्लीयर कराकर नौकरी दिलाने तक का सारा काम कराने का झांसा दिया था।
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