घोड़ा-खच्चर वालों ने इस साल केदारनाथ में काटी चांदी, 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई
शीतकाल के लिए बाबा केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं।
शीतकाल में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन 6 महीने तक शीतकालीन प्रवास ऊखीमठ में कर सकेंगे।
इस बार केदारनाथ धाम की यात्रा कई मायनों में खास रही है, सीजन में रिकॉर्डतोड़ शिव भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंचे। खास बात यह रही कि सीजन में अकेले घोड़ा – खच्चर संचालकों ने 125 करोड़ रुपये का कोराबार किया है। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुले थे। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए लोग पैदल चलने के अलावा घोड़ा – खच्चरों का सहारा भी लेते हैं। इस सीजन में रिकॉर्डतोड़ श्रद्वालु भगवान केदारनाथ के दर्शन को पहुंचे। इससे घोड़ा – खच्चर संचालकों की भी बल्ले-बल्ले रही।
इस सीजन में घोड़ा खच्चर संचालकों ने पूरे 125 करोड़ का कारोबार किया। वहीं दूसरी ओर हेली सेवा ने 75.86 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
19.61 लाख भक्त पहुंचे बाबा के धाम
इस सीजन में केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्वालुओं की तादात ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। यात्रा सीजन में 19.61 लाख भक्तों के केदारनाथ धाम के दर्शन किए। चार धामों में सर्वाधिक श्रद्वालु केदारनाथ पहुंचे।
ये तादात पिछले वर्ष की अपेक्षा लगभग चार लाख अधिक है। अगले सीजन में श्रद्वालुओं की तादात और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
बदरी केदार समिति की आय भी करोड़ों बढ़ी
केदारनाथ में यात्रियों की संख्या बढ़ने से एक ओर तीर्थाटन
पर्यटन को बढ़ावा मिला है। वहीं बदरी-केदार मंदिर समिति
की आय में भी करोड़ों रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। खासबात ये है कि कपाट खुलते ही केदारनाथ धाम में भक्तों का रेला उमड़ने लगा था।
इसी को देखते हुए प्रतिदिन दर्शन का समय भी बढ़ाया गया था।
पर्यटन व्यवसाय को लगे पंख
श्रद्वालुओं की संख्या बढ़ने से मंदिर समिति के अलावा पर्यटन, होटल, रेस्टोरेंट, होमस्टे, घोड़ा – खच्चर, डंडी कंडी, हवाई सेवा, शटल सेवा आदि व्यापार में भारी बढ़ोत्तरी हुई।
इससे व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं।
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9096 घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण
सीजन में इस बार 9096 घोड़े ओर खच्चरों का पंजीकरण हुआ था। साथ ही 4845 श्रमिक और 234 हाकर भी पंजीकृत हुए थे। घोड़े-खच्चरों से 553377 यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे थे। वहीं दूसरी ओर हेली सेवा से 140641 यात्री धाम पहुंचे।
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