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राजाजी नेशनल पार्क से सुरंग के जरिये हरिद्वार बाईपास निकालने की योजना, एनएचएआई की है ये योजना

राजाजी नेशनल पार्क से सुरंग के जरिये हरिद्वार बाईपास निकालने की योजना, एनएचएआई की है ये योजना

हरिद्वार बाईपास के अगले चरण में राजाजी नेशनल पार्क में सुरंग के जरिये बनाने की योजना है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस संभावना को लेकर भारतीय वन्यजीव संस्थान से एक स्टडी कराई थी। संस्थान इसकी रिपोर्ट दे चुका है, जिसमें वन्यजीवों की दृष्टि से कुछ सुझाव भी दिए गए हैं।हरिद्वार बाईपास को कई चरणों में तैयार किया जा रहा है।

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इसमें बहादराबाद से कांगड़ी तक करीब 15 किमी का बाईपास है। उसके बाद अगले चरण में बाईपास बनाया जाना है। इसमें एनएचएआई की करीब 10 किमी बाईपास की योजना है। यह दूसरी अंजनी चौकी-तिरछा पुल से होते हुए सर्वानंद घाट तक होगी।इसके तहत चंडी मंदिर के पास से चार किमी की सुरंग बनाने की योजना है। यह इलाका राजाजी नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है। ऐसे में सुरंग बनती है, तो वन्यजीवों के हलचल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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सुरंग भीमगौड़ा बैराज के पास निकलेगी, यहां पर एक पुल बनाते हुए आगे का रास्ता बनेगा, जो सर्वानंद घाट के पास निकलेगा।भारतीय वन्यजीव संस्थान की तरफ से स्टडी में शामिल वैज्ञानिक शिवम श्रोत्रिय कहते हैं कि जहां सुरंग दोनों तरफ खुलती है वे इलाके भी संवेदनशील हैं। ऐसे में सुरंग की दोनों तरफ एलिवेटेड सड़क बनानेे का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे वन्यजीव का आवागमन प्रभावित नहीं होगा। यह स्टडी पिछले साल की गई थी।एनएचएआई को वन्यजीवों को लेकर कुछ सुझाव दिए गए हैं। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार इस एलाइनमेंट के तहत कार्य किया जाना है। संबंधित योजना के लिए वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को लेकर भी कार्य शुरू किया जा रहा है।वन्यजीव विशेषज्ञ दिनेश पांडे कहते हैं कि तिरछा पुल के पास हाथियों का मूवमेंट रहता है। यहां पर वन्यजीवों का ध्यान रखकर योजना पर काम करने की जरूरत है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के सुझाव के अनुसार कार्य होता है। इससे वन्यजीवों की सुरक्षा, संरक्षण हो सकेगा साथ ही विकास कार्य होंगे।