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यहाँ हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता ने मौत को लगाया गले, सुसाइड नोट में मानसिक रूप से परेशान होने का जिक्र

यहाँ हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता ने मौत को लगाया गले, सुसाइड नोट में मानसिक रूप से परेशान होने का जिक्र

उधम सिंह नगर : हाईकोर्ट की एक महिला अधिवक्ता घर की दूसरी मंजिल के कमरे में संदिग्ध हालात में पंखे से लटकी मिली। लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि 25 साल की रेवा इस तरह दुनिया से रुखसत होगी। लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि 25 साल की रेवा इस तरह दुनिया से रुखसत होगी। हर किसी के जुबान पर यही सवाल है कि आखिर वे कौन सी परिस्थितियां रही होंगी कि कुछ साल पहले तक हंसती-खेलती युवती को एकाएक जिंदगी जीने से ज्यादा मौत को गले लगाना आसान लगा होगा।

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रेवा सिंह ने अपनी मौत के पीछे कई अनसुलझे सवाल छोड़ गई है। करीब डेढ़ पेज के सुसाइड नोट में भी उसने किसी को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है। बस यह जिक्र किया है कि वह मानसिक रूप से बहुत परेशान थी। स्थानीय लोगों के अनुसार माता-पिता के बीच काफी समय से मनमुटाव चल रहा है। वे अलग-अलग रहते हैं।

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इसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान रहती थी। यही जिक्र उसने अपने सुसाइड नोट में भी किया है।लोगों ने बताया कि परिवार के सदस्य मोहल्ले में ज्यादा किसी से मेलजोल नहीं रखते थे। परिवार में एक बेटा और दो बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो चुकी है। पिता पहले काशीपुर में ही एक फैक्टरी में पार्टनर थे। बताया जाता है कि परिवार के कुछ सदस्य टोना-टोटका में विश्वास करते हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीते बुधवार को अवश्य ही किसी बात को लेकर परिवार में तकरार हुई होगी, जिसके बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।

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लोगों का कहना है कि वह एक अधिवक्ता थी और समाज की ऊंच-नीच से वाकिफ थी, इसलिए ऐसा कदम नहीं उठाती।इधर परिजनों ने पुलिस को बताया कि मानसिक रूप से परेशान रेवा का इलाज चल रहा था। जब पुलिस ने उनसे इलाज संबंधी दस्तावेज मांगे तो वे नहीं दिखा पाए।