गजेंदर नौटियाल की 11 कहाहानियों का संग्रह “चार रेखड़ा” का हुआ विमोचन
देहरादून : 2 दिसंबर- नाटककार गजेंदर नौटियाल की 11 कहाहानियों का संगरह “चार रेखड़ा” कथा- कथगुळि का विमोचन साहित्यकार डा सविता मोहन, बीना बेजवाल, डा अतुल श्मा, पत्रकार विनयध्यानी, समाज सेबी गोविंद राम पेटवाल और कार्यकम अध्यक्ष डा प्रीतम भरतवांण ने संुक्त रुप से किया।
गढवाली लोक समाज को प्रतिबिंबित करती कहानी संग्रह की एक कहानी “सतरु वेडा” का सस्वर पाठ लेखक नौटियाल ने किया। कहानी-कथग्लि की ग्यारह कहानियों की विवेचना करते हुए साहित्यकार बीना बेंजवाल ने कहा कि कथानक ठेट गांव को बारीकी से चित्रित करते सुंदर बिं, ठेट गांव क पात्र और भाषा की दृष्टि कई विलुप्त होते शब्दों, मुहावरों का सुदर संयोजन पुस्तक की सभी कहानियों में है जो इस संग्रह को पठनीय बना देता है।
समीक्षक डा पवन कुदवान ने कहा कि अपने काल समय को सूक्ष्ता से समेटे कहानियों में शिल्पकार समाज के प्रति सामाजिक रवैये पर लेखक की कहानियां रोष व्यक्त करती लगती हैं।
साहित्यकार डा अतुल शर्मा ने कहा लेखक गजेंद्र नौटियाल सामाजिक सरोकारो से जुड़े रहे है जो उनकी कहानियों में भी समाज के साथ गहरी संवेदनाओं के साथ जु़ती चलती हैँं। पत्रकार विनय ध्यानी ने कहा कि लेखक से मेरा अ7सालों का नाता है। इनकी रचनांए चाहे नाटक हों चाहे कविता या गीत सब में जनपक्ष और खास कर पिछड़े समाजों के पक्ष में खड़ा होने का मादा रहा है। इसके लिए वे बाकी समाजे के प्रति विरोघ करते भी दिखतें हैँ तो मावुक पीड़ा महसूस करते हुए भी।
मुख्य अतिथि डा सविता मोहन ने कहा कि यह पुस्तक लोक समाज का यथार्थवादी चिंतन प्रस्तुत करती है जो लोक साहित्य और समाज को नई दिशा देने का सफल प्रयास साबित होगी । कार्यकम अध्यक्ष डा प्रीतम भरतवांण ने कहा कि गजेंद्र नौटियाल सहज और सरल स्वभाव के ब्यक्ति हैं उनकी रचनांए हमेशा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभमाने को उत्प्रेरित करती है। अतिथियों का स्वागत करते विन्सर पब्लिशिंग कम्पनी के स्वामी कीर्ती नवानी ने कहा कि लेखक की यह पांचवीं पुस्तक है। इनकी पुस्तकं स्कल कालेज और बुद्धिजीवियों के बीच समान रुप से पसंद की जाती हैं।
कार्यकम के विद्वान संचालक नाटककार राकेश भटट ने कहा कि इस कहानी संग्रह की सभी कहानियों का सशक्त कथानक फिल्म और नाटक विद्या में प्रयुक्त होने लायक सामाग्री है। कार्यकम में श्री चंद्र शेखर तिवाड़ी, पं भानू प्रसाद नौटियाल, साहित्यकारों, फिल्मकारों, पत्रकारों ने भी लेखक गजेंद्र नौटियाल को बधाइयां दीं|
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