कारगिल शहीद के परिजनों से साइबर ठगों ने की धोखाधड़ी, उत्तराखंड STF ने किया भंडाफोड़
उत्तराखण्ड एसटीएफ ने दिल्ली एनसीआर में छापा मारकर साईबर ठगों के एक गिरोह का भण्डाफोड़ किया है.
एसटीएफ की साईबर पुलिस द्वारा इस गिरोह के 05 सदस्यों की गिरप्तारी कर उनके कब्जे से 18-मोबाईल फोन, 02-लैपटॉप, 42-सिम कार्ड, 42-डेबिट कार्ड, 15-फर्जी पहचान पत्र आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि एवं 1,07,500/- रुपये (एक लाख सात हजार पाँच सौ रुपये) नगद बरामद भी किए हैं

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि कुछ दिनों पूर्व साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून पर गुमानीवाला निवासी वरिष्व नागरिक द्वारा सूचना दर्ज कराई कि मेरा बेटा जो आर्मी में कैप्टन था, कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गया था तथा उनको मरणोपरान्त कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।
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शिकायतकर्ता को माह फरवरी 2024 में अज्ञात व्यक्ति के द्वारा मोबाइल से कॉल कर स्वंय को सैनिक कल्याण बोर्ड का अधिकारी व मुख्य सतर्कता अधिकारी (रंक्षा मंत्रालय) कार्यालय भारत सरकार से बताकर कहा कि आपके बेटे के कीर्ति चक्र की ग्रान्ट के साथ-साथ आपको अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जानी थी, लेकिन आपकी तरफ से फार्म ॥ दिनांक 31 दिसम्बर 2023 तक जमा नहीं किया गया था. जिस कारण आपका कीर्ति चक्र का पान्ट निरस्त हो गया है। जिसका निरस्त आर्डर नम्बर जे०आर० 00439 है जिसकी फाईल मेरे पास आयी है। उक्त अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह भी बताया गया कि उक्त फाईल में अग्रिम कार्यवाही चीफ सर्तकता अधिकारी रक्षा मंत्रालय श्री पी०एन० गुलाटी द्वारा की जानी है, जिनके सचिव विवेक राजपूत का मोबाइल नम्बर 729790726 शिकायतकर्ता को देकर सम्पर्क करने को कहा गया। शिकायतकर्ता द्वारा कथित विवेक राजपूत से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि आपका ग्रान्ट निरस्त कर दिया गया है अब गुलाटी साहब ही इस पुनः एक्टिवेट कर सकते है। जिसके बाद श्री पी०एन० गुलाटी द्वारा शिकायतकर्ता को यह बताया गया कि वह शिकायतकर्ता को मिलने वाली कीर्ति चक्र की ग्रान्ट करीब 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष की फिर से शुरु कर रहा है तथा यह भी बताया कि इनको यह ग्रान्ट 2021 से 2037 तक मिलनी है। कुछ दिन बाद कथित पी०एन० गुलाटी ने शिकायतकर्ता को फोन पर बताया कि उसने ग्रान्ट स्वीकृत कर दी है जिसके लिये शिकायर्ता से 1,98,000/- रुपये की रकम उनके द्वारा बताये गये खाते में आरटीजीएस से जमा करा दिये गये इसके अतिरिक्त उपरोक्त अज्ञात व्यक्तियो द्वारा भिन्न तिथियों पर शिकायताकर्ता से एन०ओ०सी० व अन्य फाईल प्रोसेस चार्जज आदि के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में अलग-अलग किस्तों में दिनांक 22,04.2024 तक कुल 44,46,080/- रुपये चोखाघडी से जमा करा दिये गये। परन्तु कोई भी रकम शिकायकर्ता के खाते में जमा नहीं करायी गयी। शक होने पर शिकायतकर्ता द्वारा सैनिक कल्याण बोर्ड उत्तराखण्ड देहरादून से सम्पर्क किया गया तो इस फर्जीवाडे का पता चला। इस सूचना पर थाना साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर मु०अ०सं०-25/2024 घारा-420/120बी भादवि व 66-डी आई०टी० एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया।
चूकिः यह प्रकरण शहीद के परिजनों को मिले सम्मान की एवज में धोखाधडी किये जाने को लेकर था जोकि गम्भीर एवं संवेदनशील प्रकरण था। ऐसी चोखाधडी प्रथम बार उत्तराखण्ड साईबर पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुई थी जिसका अनावरण उत्तराखण्ड एस०टी०एफ० को एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस०टी०एफ० श्री आयुष अग्रवाल द्वारा इस घटना के अनावरण करने हेतु पुलिस उपाधीक्षक श्री अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश निर्गत किये गये। गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर व सम्बन्धित खातों आदि की जानकारी व तकनिकी विश्लेषण किया गया तो उक्त अपराध में संलिप्त अपराधियों का दिल्ली से सम्बन्ध होना पाया गया। जिसमें टीम को सम्बन्धित स्थानों को रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से अभियुक्तों द्वारा वादी मुकदमा को जो खाता संख्या व मोबाईल नम्बर दिये गये थे व धोखाधड़ीं से प्राप्त की गयी धनराशि फर्जी आईडी पर खोले गये बैंक खातों में प्राप्त की गयी थीं। उक्त खातों के खाताधारकों की जानकारी प्राप्त की गयी व महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित करते हुये अभियोग में संलिप्त 05 अभियुक्तगण 1-कपिल अरोड़ा. 2-राहुल कुमार दत्ता, 3-रवि सैनी, 4-राजेश कुमार यादव व 5-अनुराग शुक्ला को लक्ष्मी नगर क्षेत्र नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 18 मोबाईल फोन, 02 लैपटॉप, 42 सिम कार्ड, 42 डेबिटष्क्रेडिट कार्ड, फर्जी पहचान पत्र आधार कार्ड, पेन कार्ड आदि व 1,07,500/- रुपये नगद बरामद किये गये।
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