चमोली: प्रकृति प्रेमियों के लिए आज 1 जून से खुल चुकी है विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी
चमोली: उत्तराखंड की उच्च हिमालयी भ्यूडार घाटी में स्थित खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यान फूलों की घाटी की ओपनिंग सेरेमनी हेतु नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ IFS बीवी मर्तोलिया पूरी टीम के साथ घांघरिया बेस कैंप पहुंच चुके हैं। आज सुबह वैली ऑफ फ्लावर्स के मुख्य प्रवेश द्वार पूजा अर्चना के बाद पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही हेतु खोल दिए गए हैं 31अक्टूबर तक आम पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी खुली रहेगी।
जैव विविधता और अल्पाइन पुष्पों की दुर्लभ प्रजातियों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान आज 1 जून से प्रकृति प्रेमियों और देशी विदेशी पर्यटकों के दीदार हेतु खुल गई है। वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क प्रबंधन ने घाटी को खोलने की सभी ओपचारिक तैयारियां पूरी कर ली थीं। घांघरिया से लेकर बामन ढोड तक के 5 किलोमीटर के पैदल ट्रेक रूट को आवाजाही के लिए वन विभाग ने दुरस्त कर दिया था ग्लेशियर के आसपास चलने के लिए पगडंडी बनाई गई है।
आज शनिवार 1 जून को डीएफओ नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क ने फूलों की घाटी जाने वाले पहले पर्यटक दल को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। बता दें कि पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के साथ शाम 4 बजे से पूर्व घाटी के दीदार कर वापस लौट कर प्रवेश द्वार पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। साथ ही राष्ट्रीय पार्क और वन और वन्य जीव संरक्षण के नियमों के तहत सभी नियमों का पालन करना होगा।
जन्नत से कम नहीं है फूलों की घाटी
चमोली, उत्तराखंड में स्थित फूलों की घाटी एक राष्ट्रीय उद्यान और विश्व धरोहर स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान हिमालय की गोद में बसा हुआ है और हर साल यहां हजारों पर्यटक और प्रकृति प्रेमी आते हैं।चमोली जिले में स्थित है, और गोविंदघाट से लगभग 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद पहुंचा जा सकता है।
फूलों की घाटी को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था और इसे 2005 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला।यहां करीब 500 से अधिक प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ बहुत ही दुर्लभ और स्थानिक हैं। ब्रह्मकमल, ब्लू पॉपी, और कोबरा लिली कुछ प्रमुख फूल हैं।यहां विविध प्रकार के वन्यजीव भी पाए जाते हैं, जैसे हिमालयी काला भालू, हिम तेंदुआ, भूरा भालू और विभिन्न प्रकार के पक्षी।
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यह घाटी 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है और इसे हिमालय की हरी-भरी वादियों और बर्फ से ढकी चोटियों के कारण अत्यंत सुंदर माना जाता है।फूलों की घाटी का दौरा करना न केवल एक साहसिक यात्रा है, बल्कि यह प्रकृति की अनोखी विविधता और सुंदरता का अनुभव करने का एक अद्वितीय अवसर भी प्रदान करता है।
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