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अल्मोड़ा : कालीगाड़ के ग्रामीण बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे जमीन, इस वजह से लिया निर्णय

अल्मोड़ा : कालीगाड़ के ग्रामीण बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे जमीन, इस वजह से लिया निर्णय

प्रदेश में भू-कानून को लेकर सियासतदां और जनता के बीच लंबी लड़ाई छिड़ी हुई है। जनता की मांग के बाद भी सरकार कानून नहीं बना पा रही है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट विकासखंड के कालीगाड़ के ग्रामीणों ने अब अपना ही भू-कानून बना लिया है। सर्वसम्मति से तय किया गया कि गांव में बाहरी लोगों को जमीन नहीं बेची जाएगी। ग्रामीणों की सहमति के बाद अब यह नियम यहां पूरी तरह लागू हो गया है।पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ साल से बेशकीमती जमीनों पर भूमाफिया की नजर है।

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औने-पौने दामों पर ग्रामीणों की जमीन खरीदकर पहाड़ों में होटल और रिजॉर्ट बनाए जा रहे हैं। निर्माण के दौरान भू-माफिया कई बार ग्रामीण क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधन जैसे जंगलों और जलस्रोतों को भी नुकसान पहुंचाते हैं लेकिन इन सब के बाद भी यहां के ग्रामीणों को न रोजगार मिल पाता है और ना ही वे अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचा पाते हैं।

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अब सल्ट के कालीगाड़ के ग्रामीणों ने आपसी सहमति के बाद अपनी जमीन बाहरी लोगों को न बेचने का मन बना लिया है। ग्रामीण आपसी सहमति से लिए गए इस निर्णय की जानकारी प्रशासन को भी देंगे। कालीगाड़ गांव के ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि वे अपने गांव और सरोकारों को बचाते हुए अब खुद यहां विकास की इबारत लिखेंगे। गांव की प्रधान और कुछ युवा इस मुहिम में समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। पलायन रोकने के साथ ही गांव से माइग्रेट हो चुके बेराेजगारों को गांव वापस बुलाने की मुहिम शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है।कालीगाड़ ग्राम सभा करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर बसी है। यहां करीब 100 परिवार रहते हैं। इन परिवारों की कुल जनसंख्या 600 के आसपास है। गांव का नजदीकी रेलवे स्टेशन रामनगर है जो यहां से 75 किमी दूर हैकोट- ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन और यहां की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने के लिए गांव के सभी लोगों ने यह निर्णय लिया है। यह भी फैसला किया है कि गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना सत्यापन के नहीं आएगा। गांव को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा सके, इसके लिए गांव के सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं। -मंजू कांडपाल, ग्राम प्रधान, कालीगाड़।पर्वतीय क्षेत्रों में जिस तरह से भूमि व अन्य मामलों से जुड़े अपराधों में वृद्धि हो रही है उस लिहाज से ग्रामीणों का यह निर्णय सराहनीय हैं। ग्रामीण जागरूक होंगे तो प्रशासन को भी आपराधिक गतिविधियों से निपटने में मदद मिलेगी। गांव के लोगों काे प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी।