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हाडी क्षेत्रों में काश्तकारों को जंगली जानवरों के बढते आतंक ने किया परेशान।ग्रामीणों ने वन विभाग से लगाई गुहार, जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की करी मांग। 

हाडी क्षेत्रों में काश्तकारों को जंगली जानवरों के बढते आतंक ने किया परेशान।ग्रामीणों ने वन विभाग से लगाई गुहार, जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की करी मांग।

 चमोली  : कुनीगाड (गैरसैंण)-पहाडी क्षेत्रों में काश्तकारों को जंगली जानवरों के बढते आतंक ने परेशान कर रखा है,जिससे खेती ओर पशुपालन करने वाले परिवारों पर रोजी रोटी का संकट खडा हो रहा है।विकासखंड गैरसैंण के कुनीगाड क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न गांवों में सक्रिय गुलदार ने आतंक मचाया हुआ है।मंगलवार रात्रि को कुनीगाड के गोगना गांव में तुलसी देवी पत्नी स्व.दरवान सिंह के गौशाला का दरवाजा तोडकर दूध देने वाली गाय व बछड़े को मार डाला।जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों ने गांव में गश्त लगाकर ग्रामीणों को सचेत रहने की हिदायत दी.कर्मचारियों ने पिडिता के मृत गोवंशों का परीक्षण कर मुआवजा देने की कार्यवाही की।
कुछ दिनों पूर्व कुनीगाड के नजदीकी बदियासेम गांव में भी गुलदार ने बकरी पालक कुंवर सिंह रावत के दो पालतू कुत्तों को घर के आंगन में ही मार डाला है।जबकि ऊजिटिया गांव के बकरी पालक जवाहर सिंह रमोला की गौशाला में घुसकर बकरियों को घायल करने की सूचना मिली है।कुनीगाड के घाटीधार के राम सिंह की जंगल में चुगने गयी,आधा दर्जन बकरियों को भी घायल कर दिया।पर्वतीय क्षेत्रों में दिनों-दिन पशुपालकों व किसानों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं,एक तरफ गुलदार जहां पालतू जानवरों को अपना निवाला बन रहा है।वहीं दूसरी तरफ बंदर और सुअरों ने खेती को नुकसान पहुंचाकर आतंक मचाया हुआ है।जंगली जानवरों से हो रहे दोतरफा नुकसान से ग्रामीणों का जीना दुभर हो गया है,वहीं काश्तकारों के परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट भी खडा हो रहा है।दूध बेचकर परिवार चलाने वाली विधवा महिला के पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
ग्रामीणों ने वन विभाग से गुहार लगाकर जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक को लेकर प्रेमबल्लभ जोशी ने कहा की गुलदार द्वारा गांव के बीचो-बीच गौशाला तोड़कर दो गोवंश को निवाला बनाने से ग्रामीण में भाई व्याप्त है।ग्राम प्रधान भंडारीखोड लीलाधर जोशी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली जानवरों ने आतंक मचाया हुआ है।एक तरफ जहां पशुपालकों के जानवरों को गुलदार निशाना बना रहा है।वहीं बंदर और सूअर खेती को नुकसान पहुंचा रहे हैं।जिससे पशुपालन व कृषि पर निर्भर ग्रामीणों पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है।मामले को लेकर वन विभाग के रेंजर प्रदीप गौड ने बताया कि गुलदार के सक्रिय होने की सूचना मिलने पर तुरंत गांव में वन विभाग की टीम भेजी जा रही है।साथ ही ग्रामीणों को भी सचेत रहने का आग्रह किया गया है।इस दौरान कनस्तर बजाकर या पटाखे फोड़कर खतरनाक जानवरों को दूर रखने की हिदायत दी गई है।पालतू जानवरों का नुकसान होने पर विभागीय कार्रवाई के तहत उचित मुआवजा देने की व्यवस्था है।जंगली जानवरों से बचाव के लिए तारवाड़ इत्यादि किया जाना भी बेहतर विकल्प हो सकता है।
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