उत्तराखंड में अपराधों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने ठेली-फेरी वालों का सत्यापन किया अनिवार्य, सभी को दिखाने होंगे कागज
उत्तराखंड में Floating population अधिक है यानी अन्य प्रदेशों से आने वाले कई लोग रोजगार की तलाश में यहां पर आते हैं। खासकर हरिद्वार, ऋषिकेश नैनीताल, देहरादून, मसूरी और चारधाम जैसे क्षेत्रों में इनकी संख्या बेहद अधिक है।
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छोटी-छोटी दुकानों को लगाकर अपना रोजगार चलने वाले यह लोग कम समय के लिए यहां पर आते हैं और कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने अब अपना ठिकाना यहीं पर बना लिया है। कई बार कुछ अपराधी किस्म के लोग अपराध भी करते हैं ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने ऐसे लोगों पर नकेल करने के लिए सभी का सत्यापन करना अनिवार्य कर दिया है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर इस संबंध में शहरी विकास निदेशालय की ओर से राज्य के सभी नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। जिसमें फेरी- ठेला वालों का विवरण जुटाने और पहचान पत्र जारी कर इन्हें अनिवार्य रूप से ठेली/फड़ पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं।
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पहचान पत्र में फेरी व्यवसायी का कोड, नाम, पता और फोटो अंकित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। पत्र में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि नगर के समस्त फेरी व्यवसायियों को फेरी-ठेली वालों को पहचान पत्र जारी कर अनिवार्य रूप से इसे प्रदर्शित करना होगा।
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