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Haldwani Violence: हल्द्वानी हिंसा की ये है मुख्य वजह

Haldwani Violence: हल्द्वानी हिंसा की ये है मुख्य वजह

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गुरुवार 8 फरवरी को उत्तराखंड की अवस्थाई राजधानी देहरादून में UCC विधेयक पारित होने पर नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित हो रहा था तो वही दूसरे छोर पर कुमाऊं का द्वारा हल्द्वानी शहर धूं धूं कर जल रहा था , पुलिस पर पथराव हो रहा था गाड़ियां जल रही थी और उपद्रवीयों ने थाना भी जला दिया था इधर कुछ मीडिया चैनलों ने यह हैडलाइन चला दी थी कि UCC के विरोध में हल्द्वानी जल रहा है
लेकिन हल्द्वानी जलने का कारण था अवैध मस्जिद को हटाना
हल्द्वानी में एक अवैध मदरसे और पास की मस्जिद तोड़ने के बाद जो हिंसा भड़की, उसने विकराल रूप ले लिया और आक्रोशित भीड़ ने पुलिस और नगरनिगम की टीम पर चरों ओर से पथराव किया

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Haldwani update : प्री प्लांड था हमला, 6 लोगों की मौत और 300 से भी ज्यादा घायल।

घटना में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है और 300 से ज़्यादा लोग घायल हैं. घायलों में ज़्यादातर पुलिस-कर्मी हैं.

वहीँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीती देर रात हिंसा से निपटने और जांच के लिए एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई और अधिकारीयों को क्षेत्र में शंतिवय्वस्था कायम करने के निर्देशों के साथ साथ उप्दार्वियों के पैरों पर देखते ही गोली चलने के आदेश भी दिए
बदती हिंसा को देखते हुए देर रात को ही नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कर्फ्यू लगा दिया था
दरअसल ये कार्रवाई वन्भूल्पुरा के ‘मलिक का बगीचा’ इलाक़े में की गई थी . नगर निगम का कहना है कि मदरसा और नमाज स्थल अवैध तरीक़े से बना हुआ था. हाई कोर्ट ने भी मदरसे और नमाज स्थल को अवैध माना और इन्हें गिराने के आदेश दिए.

हल्द्वानी में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश, क्षेत्र में लगा कर्फ्यू

    हल्द्वानी हिंसा की ये है मुख्य वजहहल्द्वानी हिंसा की ये है मुख्य वजह

8 फ़रवरी की दोपहर डेढ़-दो बजे के आसपास नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, सहित कई अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मदरसे को गिराने के लिए पहुंचे..
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीना के अनुसार , जैसे ही दोनों मस्जिद और मदरसे को गिराने की कार्रवाई शुरू हुई, वहां मौजूद लोग सड़क पर उतर आए और कार्रवाई का विरोध किया. आक्रोशित लोग बैरिकेड्स तोड़ने लगे, पुलिस कर्मियों के साथ बहस करने लगे. जैसे ही एक बुलडोजर ने मदरसे और मस्जिद को ढहा दिया, भीड़ ने पुलिस कर्मियों, नगर निगम कर्मियों और पत्रकारों पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन पथराव और बढ़ गया. फ़ायर ब्रिगेड और पुलिस वैन को भी तोड़-फोड़ दिया गया
जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. मगर नतीजा ये कि और ज़्यादा लोग इकट्ठे हो गए. पुलिस पर लगातार हमला करते रहे. ये सिलसिला शाम तक चला और क़रीब 5 बजे सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों और पुलिस बल को भनभूलपुरा थाने में शरण लेनी पड़ी. लेकिन उप्दार्वियों ने थाने में भी आगजनी कर दी
इतने ख़राब हालात के बाद रामनगर और नैनीताल की पुलिस से और टुकड़ियां बुलाई गईं और 7 बजे तक जाकर पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया. लेकिन तब तक 70 से ज्यादा वाहनों को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी , इसमें पुलिस और नगरनिगम के वहां भी शामिल हैं , अधिकारियों का दावा है कि हिंसा पूर्व-नियोजित थी. कथित तौर पर घरों में पहले से ही पत्थर जमा कर रखे गए थे.
राज्य सरकार ने कर्फ़्यू के आदेश दिए और देखते ही गोली मारने के भी आदेश जारी कर दिए. अर्धसैनिक बलों की चार कंपनियां हल्द्वानी भेजी गई हैं. साथ ही उधम सिंह नगर से पीएसी की दो कंपनियां भी हल्द्वानी पहुंच गई हैं. अभी स्थिति क़ाबू में है, लेकिन हालत तनावपूर्ण है.
बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई टीम के साथ गई पुलिसफोर्स में महिला जवान भी थीं। विरोध कर रही महिलाओं को रोकने के लिए महिला पुलिसजवान भी मोर्चे पर डटी हुई थी। तभी उपद्रवियों ने पथराव करना शुरू कर दिया। इसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी घायल हो गईं। वहीं पांच महिला पुलिसकर्मी सहित करीब 30 पुलिसकर्मी गलियों में फंस गईं।
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुशार
महिला पुलिसकर्मियों को किसी तरह इलाके की महिलाओं ने अपने घरों में छिपाया। इस दौरान पथराव और उपद्रव करने वाले लोग क्षेत्र में फंसे पुलिसकर्मियों को ढूंढते रहे। इसके लिए घरों के दरवाजे भी खटखटाए गए। इस बीच महिला पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए एक परिवार की महिलाओं ने उनका हुलिया बदलवा दिया।
कर्फ्यू लगने के बाद अपने जवानों को खोजते हुए पहुंची पुलिस फोर्स के जवानों को देखकर उन परिवारों ने पुलिसकर्मियों को सुरक्षित उन्हें सौंपा।
नैनीताल ज़िला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं और शहर के सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद करने के आदेश दिए हैं. DM वंदना सिंह के मुताबिक़, बनभूलपुरा की हिंसा को मुख्य शहर तक नहीं फैलने दिया गया. इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.